शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

परसा के फूल




परसा के फूल  गर्मियों की शुरुआत के साथ जहां चारों ओर पतझड़ नजर आने लगता जाता है, वहीं मुरझाए हुए पेड़ों के बीच सुर्ख रंग परसा के फूल मन को सुकून देने का काम करते हैं। यह फूल दिखने में जितने खूबसूरत होते हैं उतना ही इनका प्रयोग औषधि और गुलाल के रूप में होता है। हम यहां बात कर रहे हैं परसा के फूलों की। हिन्दू धर्म में इस वृक्ष का धार्मिक अनुष्ठानों में बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है।यह फूल भगवान शिव की मन पसंद फूल माना गया है यह फूल भगवान शिव  पर चढ़ाने से मान मनवांछित फल प्राप्त होता है आयुर्वेद  में परसा के अनेक गुण बताए गए हैं और इसके पाँचों अंगों- तना, जड़, फलफूल और बीज को दवाएँ के रूप में प्रयोग किया जाता है पहले होली पर इस फूल का रंग बनाते थे? और उसी रंग से होली खेली जाती थी !



महाशिवरात्रि पर युवा द्वारा खीर पूरी प्रसाद वितरण (आदर्श ग्राम केरा )







महाशिवरात्रि पर्व पर महानदी चित्रोत्पला  गंगा के निकट बांधा के पास शिव मंदिर  पर पहुंचे हजारों शिवभक्तों ने पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना करने के बाद शिवभक्तों ने खीर के प्रसाद का आनंद लिया।
महाशिवरात्रि पर आदर्शा ग्राम केरा (चारभाठा ) युवाओं द्वारा खीर का प्रसाद वितरण। प्रसाद वितरण सुबह से दोपहर बाद तक चलता रहा। मंदिर दर्शन करने पहुंचे शिवभक्त महिला-पुरुषों ने प्रसाद ग्रहण किया ग्राम केरा के युवा नवीन भीष्मा रवि सोनी, राजेश प्रजापति जी ,नारायण पटेल ,अजय धीवर अमित पटेल , भोला धीवर  और बहुत से युवा ने प्रसाद वितरण पर सहयोग प्रदान किया है


शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

युवा संगठन बनाने को लेकर चर्चा




धीवर सामाजिक जाग्रति के लिए युवा संगठन बनाने को लेकर बैठ रखी गई। इसमें गांव के प्रत्येक घर से युवाओं को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। 
 इसमें 18 से 32 वर्ष तक के युवाओं को जोड़ने का कार्य किया जाएगा। 
  समूह में रहने पर आपका मनोबल ऊँचा बना रहेगा। झिझक नहीं रहेगी। परस्पर एक दूसरे से मिलते- जुलते रहने से सृजनात्मक विषयों पर चर्चा हो पायेगी। इस प्रकार ऊर्जा का स्तर ऊँचा बना रहेगा। आप जो यहाँ से सीखकर जा रहे हैं उस पर दृढ़ और न्य लोग आपके संगठित स्वरूप से प्रेरणा लेंगे। युवाओं के प्रति लोगों के सकारात्मक विचार बनेंगे। क्षेत्र के गाँव के बुजुर्ग आपका सम्मान करेंगे।

       

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2020

वार्षिकोत्सव संस्कार भारती स्कूल केरा

ग्राम केरा मे संस्कार भारती उ. मा. स्कूल मे गुरुवार को वार्षिकोत्सव  और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।मुख्यातिथि ग्राम केरा के सरपंच लोकेश शुक्ला बाबू दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने 'हमसे हैं जहां' विषय पर नृत्य नाटिका, गीत और नाटक मंचन के साथ अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वहीं प्रतिभा छात्रा को सम्मानित किया  सरपंच लोकेश शुक्ला बाबू ,चंदराम भीष्म सर , पंच नवीन भीष्म कृष्णा केसरवानी, देवनारायण  सहित अन्य मौजूद रहे।

मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020

शिवरीनारायण मंदिर छोटे छोटे बच्चे लोट मारते पहुँचें

आज दिनाँक ५/२/२०२० का श्रृंगार
आज से अपनी मन्नत पूर्ण होने के पश्चात माता शबरी और श्री नारायण जी से भेंट करने हेतु दर्शनार्थी लोट मारते हुए आना शुरू हो गए हैं, जिनमे छोटे छोटे बच्चे भी शामिल है। भगवान ने इस ठंड में भी बारिश करवा कर उनकी परीक्षा ली और ये प्यारे प्यारे बच्चे उस परीक्षा को भी पार कर के अपनी श्रद्धा प्रदर्शित करते हुए

शिवरीनारायण मेला

जांजगीर/ शिवरीनारायण. धार्मिक स्थल शिवरीनारायण में हर साल की तरह इस बार भी शिवरीनारायण मेला 9 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है! महानदी में स्थान कर भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए देर रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। प्रभु के दर्शन की ललक में पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं के जत्था पहुंचा, जिससे वहां काफी भीड़ देखने को मिली। काफी श्रद्धालु वाहन से पहुंचे तो कोई साइकिल हजारों लोग पैदल व जमीन नापते मन्नत लेकर पहुंचे।

महानदी, जोंक नदी और शिवनाथ नदी के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर भगवान नारायण के दर्शन करने के लिए हरसाल हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालु राज्य सहित दूसरे राज्यों से यहां पहुंचते हैं। यह मेला हर साल शिवरीनारायण में माघ पूर्णिमा के समय लगता है। यहां दूर-दूर से श्रद्घालुगण भगवान राम, लक्ष्मण और सीता सहित माता शबरी मां के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस पावन ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल में राम-सीता, लक्ष्मण एवं माता शबरी सहित काफी संख्या में मंदिर एवं देवालय हैं। यहां लोग दर्शन लाभ लेकर अपनी मन्नत भगवान के सामने रखते हैं और जिनकी मनोकामना पूरी होती है वह यहां अपनी-अपनी मानी गई मन्नत के मुताबिक चढ़ावा व प्रसाद वितरण आदि करते हैं।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही- मेले में आने वाले लोगों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। तीन पालियों में 150-150 जवान लोगों की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं।  इसके साथ ही शिवरीनारायण मेले में सीसीटीवी कैमरे से मेले में नजर रखी जा रही है। मेले में शांति व्यवस्था बनाने एवं किसी भी अप्रिय घटना रोकने के लिए हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था अपनाई
गई है।

जमीन नापते पहुंचे श्रद्धालु- मान्यता है कि भगवान नारायण की शरण पहुंचकर इस पावन अवसर पर जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मुराद मांगता है उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। अपनी इसी मुराद को पूरी करने के लिए भगवान नारायण के शरण में हजारों लोग जमीन नापते हुए भी शिवरीनरायण पहुंचे।

15 दिनों का मेला- यह मेला माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक करीब 15 दिनों का चलता है। मेले में आसपास सहित दूर-दराज इलाकों से पहुंचे लोग दर्शन के साथ ही समानों की खरीदी-बिक्री भी करते हैं। इस मेले में मनोरंजन के साधन जैसे सर्कस, मौत का कुआं, झूला सहित अन्य चीजें भी लगी हुई हैं।

जयकारे से गूंजा शहर- माघ पूर्णिमा के एक दिन पहले 9 फरवरी से ही यहां श्रद्धालुओं का जत्था पहुंच गया। रात भर शिवरीनारायण भगवान मंदिर परिसर में भजन कीर्तन चलता रहा। नगर के विभिन्न स्थानों पर भी रात को भजन कीर्तन चलता रहा। लाखों भक्त प्रभु का जयकारा लगाते रहे, जिससे पूरा शहर गूंजता रहा।

पॉलीथीन पर प्रतिबंधित- मेले को साफ  रखने के लिए नगर पंचायत द्वारा पालीथीन के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी दुकानदार को पालीथीन पर समान बेचते पाए जाने पर उसके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। मेले के पहले दिन ही नगर पंचायत के अधिकारियों की टीम ने 15 किलोग्राम पॉलीथिन जप्त किया।